रिश्वत लेते रंगे हाथों महिला अधिकारी पकड़ाई

Staff Author
लोकायुक्त टीम ने एकीकृत बाल विकास परियोजना बरेली की सुपरवाईजर को पकड़ा
मध्यान्ह भोजन का बिल पास करने के बदले 25 प्रतिशत लिया जाता था कमीशन

 

भोपाल

मध्यान्ह भोजन का बिल पास करने के बदले कमीशन लेने वाली एकीकृत बालविकास परियोजना, बरेली की पर्यवेक्षक को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा। मध्यान्ह भोजन सप्लाई करने वाले स्व सहायता समूहों से बिल की राशि का 25 प्रतिशत कमीशन मांगा जाता था और नहीं देने पर आगामी बिल में आब्जेक्शन लगा दिया जाता था।


रिश्वत लेते रंगे हाथों महिला अधिकारी पकड़ाई
लोकायुक्त को शिकायत मिली थी कि आंगनबाड़ियों में मध्यान्ह भोजन सप्लाई करने वाले महिला स्व सहायता समूहों से एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक दबाव डाल कर कमीशन लेते हैं। इस शिकायत की जांच में कमीशन मांगने की पुष्टि होने के बाद विवेचनाधिकारी डीएसपी साधना सिंह ने शुक्रवार को सुपरवाईजर शकुंतला गुजरे को रिश्वत लेते हुए पकड़ा और रिश्वत में लिए गए 2 हजार रुपए भी बरामद किए। यह रिश्वत 16 हजार रुपए का बिल पास करने के बदले ली जा रही थी। गौरतलब होगा कि, जागृति महिला स्व सहायता समूल बरेली, रायसेन के संचालक उमेश कुमार राजौरिया ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि, पर्यवेक्षक शकुंतला गुजरे हर बार बिल पास करने के बदले 25 प्रतिशत कमीशन लेती हैं। कमीशन नहीं देने पर अगले बिल में आॅब्जेक्शन लगाकर छात्रों की संख्या कम कर देती हैं। इस पर डीएसपी साधना सिंह, डीएस रघुवंशी के साथ निरीक्षक सुनील लाटा, अंबेरश दोहरे, आरक्षक अरुण मिश्रा, विजय सिंह सेंगर और विश्वंभर भदौरिया की टीम बरेली पहुंची। दोपहर करीब 12 बजे एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय के गेट पर सुपरवाईजर गुजरे ने कमीशन के 2 हजार रुपए लेकर अपने पर्स में रख लिए और आगे से ज्यारा राशि की मांग की, ताकि परियोजना अधिकारी महेंद्र सक्सेना को भी दिया जा सके। लोकायुक्त टीम ने रिश्वत में दिए गए रुपए बरामद करके कार्रवाई पूरी होने पर पर्यवेक्षक गुजरे को जमानत पर रिहा कर दिया। गुजरे मूलत: भोपाल के अशोका गार्डन स्थित बैंक कालोनी में रहती है और बरेली में भी किराए से कमरा ले रखा है।