शिक्षा विभाग में संविलयन के लिए होगी आर पार की लड़ाई

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राज्य अध्यापक संघ, संविदा अध्यापक संघ और शासकीय अध्यापक संगठन ने बनाया अध्यापक संविदा शिक्षक संयुक्त मोर्चा

ब्यूरो, भोपाल


संविलयन के लिए होगी आर पार की लड़ाईसमान कार्य के बदले समान वेतन और शिक्षा विभाग में बिना शर्त तत्काल संविलयन की मांगों को लेकर प्रदेशभर के साढे तीन लाख से ज्यादा मास्साब आर पार की लड़ाई की तैयारी कर चुके हैं। इसकी शुरुआत 22 नवबंर से भोपाल में संभागवार धरने से होगी और सरकार के मांगें नहीं मानने पर विधानसभा का घेराव करने के साथ ही प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरु कर दिया जाएगा।


मुरलीधर पाटीदार
मुरलीधर पाटीदार
गौरतलब होगा कि, अभी तक अलग अलग मंचों से मांगों को पूरा करवाने की लडाई लड़ी जा रही थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही थी। सरकार ने जब भी आंदोलन हुआ तो मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का भरोसा देकर आंदोलन स्थगित करवा दिया, लेकिन मांगों को पूरा नहीं किया गया। ऐसे में शिक्षकों के तीनों शीर्ष संगठनों ने मिलकर अध्यापक संविदा शिक्षक संयुक्त मोर्चा बनाया है, जिसमें मुरलीधर पाटीदार के नेतृत्व वाला राज्य अध्यापक संघ, मनोहर दुबे की अगुवाई वाला संविदा अध्यापक संघ और बृजेश शर्मा की अध्यक्षता वाला मप्र शासकीय अध्यापक संगठन शामिल है। इस संबंध में मुरलीधर पाटीदार, अजय सिंह गौर, राजकुमार खत्री और सीताराम रायकवार ने रविवार को बताया कि इस बार भोपाल में संभागवार धरना दिया जाएगा। इसके तहत 20 नवबंर को सागर संभाग के धरने से शुरुआत होगी। इसके बाद 21 को जबलपुर, 22 को भोपाल, 23 को होशंगाबाद, 24 को रीवा, 25 को शहडोल, 26 को इंदौर, 27 को उज्जैन, 28 को चंबल और 29 नवबंर को ग्वालियर संभाग के शिक्षक धरना देंगे। इसके बाद भी सरकार सुनवाई नहीं करती तो फिर प्रदेशव्यापी आंदोलन और विधानसभा का घेराव किया जाएगा।

संविलयन पर अडे
संयुक्त मोर्चा ने शिक्षा विभाग में संविलयन की मांग को पूरा करवाने के लिए इस बार लंबे आंदोलन की तैयारी की है। इसके तहत सिर्फ एक या दो दिन के लिए भोपाल में 50 हजार अध्यापकों को बुलाकर प्रदर्शन करने के बजाय संभाग और जिलों में आंदोलन चलाया जाएगा। मुरलीधर पाटीदार और अजय सिंह गौर का कहना है कि, जिला और संभागस्तर पर प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी का खुलासा किया जाएगा। इसके साथ ही विधायकों और सांसदों को भी ज्ञापन देने के साथ ही आंदोलन के तथ्यों से अवगत कराया जाकर समर्थन जुटाया जाएगा। इस बार मांगों को पूरा करवाने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा।