अजय मिश्र, ठाणे, मुंबई.
राष्ट्रीय फेरीवाला नियम बनाते समय मुम्बरा के 1492 फेरीवालों को मनपा प्रशासन ने अपात्र घोषित कर उनके ऊपर अन्याय किया है । उल्टा इनका बिना पुनर्वसन किये ही कार्रवाई किये जाने के कारण सभी फेरीवालें भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।
फेरीवालों का पुनर्वसन प्रशासन ने नहीं किया तो समाजवादी पार्टी की तरफ से आन्दोलन छेड़ने की चेतावनी सपा अध्यक्ष शमीम खान ने दी है। साथ ही उन्होंने मनपा प्रशासन से मांग किया है की पहले प्रशासन फेरीवालों को सुविधा दे और उसके बाद उन पर कार्रवाई करे।
बता दें कि राष्ट्रीय फेरीवाला नियम को लागू करने के लिए वर्ष 2010 में मुम्बरा प्रभाग समिति में तत्कालीन अध्यक्ष शगुफ्ता नासिर खान ने बाकायदा एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसकी मांग नगरसेवक महेन्द्र कोमुर्लेकर ने की थी। जिसके तहत मुम्बरा में 13 स्थान राष्ट्रीय फेरीवाला नियम के तहत निश्चित किया गया था। साथ ही इसके लिए कुल 1500 लोगों ने अपने नामांकन भी भरकर मनपा के पास भेजे थे। परन्तु इनमे से सिर्फ आठ लोगों को पत्र मानकर मनपा प्रशासन ने 1492 लोगो को अपात्र घोषित कर दिया था। मनपा प्रभाग समिति द्वारा घोषित किये गए 13 स्थानों के लिए फेरीवाला जोन के रूप में मान्यता देकर इसके लिए सूचना और हरकत मंगाने की कार्यवाही भी शुरू किया गया था।
करीब ढाई वर्ष बीत गए इसे मनपा प्रशासन ने ठन्डे बस्ते में डाल रखा है। दूसरी तरफ मनपा प्रशासन फेरीवालों पर तोड़क कार्रवाई कर उन्हें खदेड़ रही है। मनपा के इस सौतेलेपन के शिकार फेरीवालो के समर्थन में अब समाजवादी पार्टी मैदान में कूद पड़ी है। सपा ने इस मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और ठाणे के महापौर हरिश्चन्द्र पाटिल को एक ज्ञापन देकर फेरीवालों की समस्या को जल्द दूर करने की मांग की है।
सपा अध्यक्ष शमीम खान का कहना है कि महापौर ने उन्हें 29 जनवरी तक फेरीवालों को लेकर एक बैठक का आयोजन करने का भरोसा दिलाया है। यदि इस बैठक में कोई निर्णय नहीं निकलता है तो 9 फरवरी को सपा नेता फरहान आजमी के नेतृत्व में एक विशाल मोर्चा निकलने की चेतावनी दी है।
