शाहजहांपुर महोत्सव में आयोजित गजल संध्या में गजल सम्राट पंकज उधास का जादू सुनने वालों के सर चढ़ कर बोला। पहले ओसीएफ मैदान में बने विशाल मंच पर साजिन्दों के साथ संगत पर आए पंकज उदास ने अपनी गजल ‘आइये बारिशों का मौसम है’ समाप्त की, वैसे ही बरसात ने अपना रंग भी दिखा दिया। खचाखच भरे पंडाल में बारिश के आते ही अफरा तफरी का माहौल बन गया। हालांकि, किसी भी अव्यवस्था से निपटने के लिये प्रशासन ने उनके कार्यक्रम का इंतजाम स्थानीय गांधी भवन में भी कर रखा था। बारिश होने के बाद उनका कार्यक्रम पुन: गांधी भवन में शुरू हुआ। नाम फिल्म में उनकी मशहूर गजल ‘चिट्ठी आई है...’’ ने दर्शकों को हिला कर रख दिया। इसी गजल के साथ ही उनके गजल संध्या का समापन भी हुआ। उन्होंने कुल 8 गजलें और पांच गजलों के मुखड़े दर्शकों को सुनाकर भाव विभोर कर दिया।
सर चढ़कर बोली पंकज उधास की गजलें
February 07, 2013
ब्यूरो, शाहजहांपुर.
शाहजहांपुर महोत्सव में आयोजित गजल संध्या में गजल सम्राट पंकज उधास का जादू सुनने वालों के सर चढ़ कर बोला। पहले ओसीएफ मैदान में बने विशाल मंच पर साजिन्दों के साथ संगत पर आए पंकज उदास ने अपनी गजल ‘आइये बारिशों का मौसम है’ समाप्त की, वैसे ही बरसात ने अपना रंग भी दिखा दिया। खचाखच भरे पंडाल में बारिश के आते ही अफरा तफरी का माहौल बन गया। हालांकि, किसी भी अव्यवस्था से निपटने के लिये प्रशासन ने उनके कार्यक्रम का इंतजाम स्थानीय गांधी भवन में भी कर रखा था। बारिश होने के बाद उनका कार्यक्रम पुन: गांधी भवन में शुरू हुआ। नाम फिल्म में उनकी मशहूर गजल ‘चिट्ठी आई है...’’ ने दर्शकों को हिला कर रख दिया। इसी गजल के साथ ही उनके गजल संध्या का समापन भी हुआ। उन्होंने कुल 8 गजलें और पांच गजलों के मुखड़े दर्शकों को सुनाकर भाव विभोर कर दिया।
शाहजहांपुर महोत्सव में आयोजित गजल संध्या में गजल सम्राट पंकज उधास का जादू सुनने वालों के सर चढ़ कर बोला। पहले ओसीएफ मैदान में बने विशाल मंच पर साजिन्दों के साथ संगत पर आए पंकज उदास ने अपनी गजल ‘आइये बारिशों का मौसम है’ समाप्त की, वैसे ही बरसात ने अपना रंग भी दिखा दिया। खचाखच भरे पंडाल में बारिश के आते ही अफरा तफरी का माहौल बन गया। हालांकि, किसी भी अव्यवस्था से निपटने के लिये प्रशासन ने उनके कार्यक्रम का इंतजाम स्थानीय गांधी भवन में भी कर रखा था। बारिश होने के बाद उनका कार्यक्रम पुन: गांधी भवन में शुरू हुआ। नाम फिल्म में उनकी मशहूर गजल ‘चिट्ठी आई है...’’ ने दर्शकों को हिला कर रख दिया। इसी गजल के साथ ही उनके गजल संध्या का समापन भी हुआ। उन्होंने कुल 8 गजलें और पांच गजलों के मुखड़े दर्शकों को सुनाकर भाव विभोर कर दिया।
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