जिला बस स्टैंड निगरानी समिति संचालन को लेकर कलेक्टर ने लिखा निगमायुक्त को पत्र
अनुरक्षण शुल्क वसूलने और पेयजल, सफाई आदि व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के दिए निर्देश
भोपाल।
बदहाली के शिकार राजधानी के बस स्टैंडों का जल्द ही कायाकल्प होगा। पेयजल और टायलेट की व्यवस्था के साथ ही प्रतीक्षालयों की हालत में सुधार होगा। बसों की धींगामस्ती से भी यात्रियों को निजात मिलेगी। इसके लिए बस स्टैंडों पर खड़े होने वाली बसों से अनुरक्षण शुल्क वसूला जाएगा।
खस्ता हाल बस स्टैण्डों की सूरत बदलने के लिए जिला प्रशासन ने सुधार और विकास के लिए पूर्व में निर्धारित कार्ययोजना को नए सिरे से शुरु किया है। इस बारे में कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बीते 1 अक्टूबर,2010 को नगर निगम आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव को पत्र लिखते हुए करीब सालभर पहले शहर के सभी पांच बस स्टैण्डों के लिए गठित की गई निगरानी समिति व उनकी उपसमितियों के क्रियाशील करने के बारे में निर्देशित किया है। पत्र में साफ कहा गया है कि नगर निगम बसों के लिए निर्धारित किए गए अनुरक्षण शुल्क की वसूली करें और इससे प्राप्त आय को वह बस स्टैण्ड के विकास व यात्रियों के लिए आवश्यक सुविधाएं जुटाने में खर्च करे, ताकि बस स्टैण्डों की हालत में सुधार आ सके।
नियुक्तियां पूरी करने के निर्देश
निगमायुक्त को लिखे पत्र में कलेक्टर ने कहा है कि, बस स्टेण्डों पर व्यवस्थाएं बनाए रखने और लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला बस स्टैंड निगरानी समिति का गठन किया गया है। प्रत्येक बस स्टेण्ड के लिए एक उपसमिति का भी गठन किया जा चुका है। इसके अध्यक्ष एसडीएम हैं, लेकि न इस उससमिति के सचिव और समन्वयक की नियुक्ति निगमायुक्त को ही करना है। कलेक्टर ने इन शेष नियुक्तियों को जल्द से जल्द करने की ताकीद की है। पत्र में कलेक्टर ने साफ कहा है कि, बस स्टेण्ड जिले की प्रशासनिक व्यवस्था का आइना है। इसलिए समुचित सफाई और यात्री सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए।
शुरु होगी अनुरक्षण शुल्क की वसूली
गौरतलब है कि, संभागायुक्त और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी भोपाल संभाग द्वारा 27 जुलाई,2012 को अनुरक्षण शुल्क लागू किया जा चुका है। इसके तहत 32 सीटर बसों से 25 रुपए प्रतिदिन और इससे अधिक सीट वाली बसों से 40 रुपए प्रतिदिन शुल्क की वसूली होगी। इस राशि से ही बस स्टैंडों का रखरखाव किया जाना है। संभागायुक्त ने नगर निगम आयुक्त को अनुरक्षण शुल्क वसूली के लिए अधिकृत करते हुए निर्देशित किया था कि वह इस शुल्क से बस स्टेण्डों पर सभी व्यवस्थाएं करवाएंगे। हालांकि, अनुरक्षण शुल्क की वसूली शुरु तक नहीं हो सकी है। कलेक्टर ने नियमित रूप से अनुरक्षण शुल्क की वसूली करके अलग खाते में जमा कराने को कहा है, ताकि उस राशि से स्टैण्डों का कायाकल्प करवाया जा सके।
