लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा
ब्यूरो, भोपाल
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मानदेय और एरियर्स का भुगतान करने के बदले रिश्वत लेते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा है। यह सुपरवाईजर बाकायदा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मीटिंग बुलाकर रिश्वत का हिसाब किताब करती थी। लोकायुक्त को रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के तहत मेहगांव निवासी सुरेंद्र सिंह राजपूत ने शिकायत की थी कि, उसकी पत्नी पार्वती बाई का मानदेय और एरियर्स का भुगतान करने के बदले सुपरवाईजर फरीदा खान कमीशन मांग रही है। कमीशन लिए बगैर बिलों का भुगतान भी नहीं करती थी और बेवजह ही आब्जेक्शन लगा कर पेंडिंग करती थी। शिकायत मिलने के बाद डीएसपी साधना सिंह ने जांच शुरु की और रिश्वत मांगने की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार को मय टीम के उदयपुरा पहुंची। इसके बाद सुपरवाईजर को उदयपुरा की ब्रम्हानगर कालोनी स्थित उसके ही घर में शाम को करीब 4 बजे आंगनबाडी कार्यकर्ता के पति से 1500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा। इस दौरान सुपरवाईजर ने हंगामा मचाने और बाधा डालने की कोशिश की, जिस पर लोकायुक्त पुलिस को सख्ती बरतना पड़ी।
नोट जब्ती और अन्य कार्रवाई के बाद जमानत पर छोड़ दिया गया। इस कार्रवाई में डीएसपी साधना सिंह के साथ डीएसपी डीएस रघुवंशी, निरीक्षक मनोज मिश्रा, आरक्षक विजय सेंगर, अरुण मिश्रा और विश्वम्भर भदौरिया शामिल थे।
खुलेआम लेती थी रिश्वत
महिला सुपरवाईजर फरीदा खान खुलेआम रिश्वत लेती थी, जिसके लिए मीटिंग में सारी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को धमकाती थी। कमीशन की वसूली करने के साथ ही अन्य सामान भी मंगवाती थी। फरीदा खान मूलत: विदिशा जिले के कुरवाई की है, जिसका एक मकान भोपाल में भी है। वह उदयपुरा की ब्रम्हानगर कालोनी में किराए के मकान में रहती है।