गैस पीड़ित इलाके में भूगर्भीय जल के बहाव और प्रदूषण की जांच होगी

Staff Author
गैस पीड़ित विधवाओं को पेंशन वितरण और यूनियन कार्बाइड के आसपास की 18 बस्तियों में जलप्रदाय व्यवस्था की समीक्षा के संबंध में आयोजित बैठक में गैस प्रभावित बस्तियों के विकास कार्यों के लिए डीपीआर बनाने कंसलटेंट नियुक्त करने का फैसला

ब्यूरो, भोपाल


गैस पीड़ित विधवाओं को पेंशन वितरण और यूनियन कार्बाइड के आसपास की 18 बस्तियों में जलप्रदाय व्यवस्था की समीक्षा के संबंध में आयोजित बैठक
गैस पीड़ित 18 बस्तियों में जलप्रदाय व्यवस्था की समीक्षा बैठक
 यूनियन कार्बाइड के आसपास के क्षेत्र में अंडरग्राउंड वाटर की शुद्धता को जांचने के लिए सेन्ट्रल और स्टेट ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट के भू जलविद सर्वे कर बतायेंगे कि अंडरग्राउंड वाटर की स्थिति क्या है। प्रदूषित पानी का फ्लो किस दिशा में है। इसके साथ ही यूका फैक्ट्री के आसपास अतिक्रमण और अवैध बसाहट को सख्ती से रोका जाएगा।
यह निर्णय शुक्रवार को कमिश्नर प्रवीण गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया। 
गैस पीड़ित विधवाओं को पेंशन वितरण और यूनियन कार्बाइड के आसपास की 18 बस्तियों में जलप्रदाय व्यवस्था के संबंध में आयोजित बैठक में आयुक्त गैस राहत मुक्तेश वार्ष्णेय, कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव, कमिश्नर नगर निगम रजनीश श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर बसंत कुर्रे, उपायुक्त राजस्व उर्मिला शुक्ला, गैस पीड़ित संगठनों के प्रतिनिधि बालकृष्ण नामदेव और रचना ढींगरा आदि मौजूद थे। इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि 2006 के बाद क्षेत्र में पेस्टीसाइड होने के कोई नमूने नहीं मिले। कमिश्नर ने यूनियन कार्बाइड के आसपास के क्षेत्र में बढ़ रही जनसंख्या पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि इस क्षेत्र में नई बसाहट नहीं होने के लिए सख्ती बरती जाए।

डीपीआर बनाने पर सहमति
यूनियन कार्बाइड के आसपास की सभी 18 बस्तियों के एकीकृत विकास के लिए मूलभूत कार्यों को करने के लिए डीपीआर तैयार किया जायेगा। डीपीआर बनाने के लिए कंसलटेंट नियुक्त होगा। गैस प्रभावित बस्तियों में पेयजल प्रदाय जल निकासी (ड्रेनेज सिस्टम) और साफ सफाई जैसे कार्यों को शामिल कर एकीकृत विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। डीपीआर की रूपरेखा अगले दो दिन में तय करके कंसलटेंट नियुक्त हो जाएगा।

पेंशन वितरण में सुधार
गैस पीड़ित विधवा महिलाओं को नियमित पेंशन का वितरण किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि, अब तक 1614 पेंशनधारियों के बैंक खाते भी खोले जा चुके हैं और 241 खुलने की प्रक्रिया में हैं। पेंशन प्रकरणों की स्वीकृति के लिए दस्तावेजों की जरूरत होती है और संबंधित हितग्राही की जानकारी और उससे संबंधित दस्तावेज संकलन करने में समय लगने से देरी हो रही है। इस पर गर्ग ने कहा कि इस कार्य के लिए मौजूदा स्टाफ के अतिरिक्त वालेंटियर्स की मदद ली जाए। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे ऐसे अनेक विद्यार्थी हैं जो इंटर्नशिप के तौर पर इस काम को बेहतर ढंग से कर सकते हैं। ऐसे वालेंटियर्स की मदद से गैस प्रभावितों के संबंध में जानकारी और उनके दस्तावेजों को संकलित किया जा सकता है।