हिन्दुस्तानी सेक्युलर नेताओं का नया हज बनता जा रहा है पाकिस्तान
अभिषेक पाण्डेय, मुंबई
बिहार के मुख्यमंत्री मुसलमानों का मसीहा बनने के लिए इन दिनों पाकिस्तान की यात्रा पर हैं। जिन्ना की मजार पर भी गए, वही जिन्ना की मजार, जहां पर कुछ साल पहले बीजेपी के बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी गए थे और नतीजे में उनको अपना तत्कालीन पद गंवाना पड़ा था। अब पाकिस्तान के गॉड फादर की मजार पर नितिश कुमार पहुंचे है। इन सारे वाकयों से एक बात समझ में नहीं आती कि, हिंदुस्तान के मुस्लिम वोट बैंक का रास्ता पाकिस्तान से होकर क्यों जाता है? कुछ दिन पहले लालू प्रसाद यादव भी पाकिस्तान की यात्रा पर थे, ताकि मुसलमानों के जेहन में अपनी छवि निखार सकें। क्या हिंदुस्तान के वोट बैंक का कोई पाकिस्तानी कनेक्शन है?
हिन्दुस्तान के नेता मुसलमानों की दशा और दिशा सुधारने के बजाय उन्हें वोटबैंक के रुप में हमेशा इस्तेमाल करते रहे हैं। कुछ ने अपने आप को मसीहा साबित करने के लिए पाकिस्तान की यात्रा भी कर ली। हिदुस्तान के नेताओं का हज पाकिस्तान बनता जा रहा है, वही पाकिस्तान, जिस पर भारत में आतंक को बढ़ावा देने के हमेशा आरोप लगते रहे हैं। अब हिंदुस्तान क्रिकेट बोर्ड यानि बीसीसीआई ने दोनों मुल्कों के बीच क्रिकेट को हरी झंडी दे दी। साफ है कि, बीजेपी मुस्लिम बोट बैंक को हथिया ना ले, इसको लेकर दूसरी मुस्लिम हिमायती पार्टियां खासा खयाल रख रही हैं। बिहार में चुनाव प्रचार करने को लेकर नितिश कुमार ने नरेन्द्र मोदी को बिहार में नहीं आने दिया। किसे नहीं पता कि, जनता दल यूनाईटेड हमेशा मुस्लिम बोट बैंक को लेकर कानून व्यवस्था की भी धज्जियां उड़ाता रहा है। पिछले दिनों मुंबई के आजाद मैदान के बाहर कुछ उपद्रवियों ने जमकर उधम मचाया था। खबरिया चैनलों ने इस उपद्रव को लाइव दिखाया था, जिसमें कई चेहरे बर्बादी फैलाते हुए साफ दिखाए गए थे। मुंबई पुलिस ने आनन फानन में कई लोगों को गिरफ्तार किया। इसी दौरान मुंबई पुलिस ने एक मुस्लिम शख्स को बिहार के मधुबनी से भी गिरफ्तार किया था, जिस पर नितिश कुमार भड़क गए थे। लेकिन क्या वोटबैंक के चक्कर में अब राजनीति इस कदर गिर जाएगी, कि देश के खिलाफ साजिश रचने वालों और देश के भीतर कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को बचाने का काम वही करेंगे, जिन पर कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी है।
बेहतर होता कि, जिन मोदी को लेकर राजनीतिक पार्टियां बवाल काटती हैं, उनको कम से कम एक बार गुजरात के मुसलमानों से बात करनी चाहिए, जो आज गुजरात में है और नरेन्द्र मोदी के विकास को सराह रहे हैं। ऐसे में नितिश हों, लालू हों, मुलायम या फिर कांग्रेस को अल्पसंख्यकों का एकमात्र प्रहरी बताने वाले सलमान खुर्शीद और गुलाम नबी आजाद हों, सभी को य्ांह बात ध्यान रखनी चाहिए कि, मुस्लिम व्यक्ति को वोट बैंक की तरह नहीं, बल्कि एक भारतीय नागरिक की तरह देखें और साथ ही उन्हे विकास की मुख्य धारा में लाए ।
वीना ने किया खैरमकदम
कपडे उतारने में बालीवुड बालाओं को मीलों पीछे छोड़ने वाली पाकिस्तान की सैक्सी साइरेन वीना मलिक ने नितिश कुमार की पाकिस्तानी सफर का खैरमकदम किया है। वीना का कहना है कि, दोनों मुल्कों के बीच बेहतर रिश्तों के लिए ऐसी कोशिशें होती रहनी चाहिए। बात करने से ही बात बनती है। पाकिस्तानी नेताओं को भी इस बारे में विचार करके आगे आना चाहिए। जाहिर है, वीना मलिक की इस प्रतिक्रिया से नितिश कुमार के समर्थकों को उम्मीद होगी कि, आगत लोकसभा चुनाव में मुसलमानों के वोट एकतरफा मिल जाएंगे। दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल को राखी सावंत बताने के बाद अदालती चक्कर में फंस चुके दिग्विजय सिंह का हाल देखेने के बाद नितिश कुमार शायद ही वीना मलिक के बारे में कोई टिप्पणी करने की जहमत गंवारा करें।



