जुबां तक नहीं हिलाई मलाला को नोबल देने की हिमायत में

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शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एडीशनल सेके्रटरी जनरल एमए रहीम कुरैशी की चुप्पी

ब्यूरो, भोपाल.


ताजुल मसाजिद पहुंचे शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी
ताजुल मसाजिद पहुंचे शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी
मजहब के नाम पर औरतों को दोयम दर्जे के जिंदगी जीने पर मजबूर करने और जुल्म ढ़ाने वाले कट्टरपंथियों के खिलाफ उठ खड़ी होने वाली पाकिस्तान की मलाला युसूफजई को नोबल पुरस्कार दिए जाने की ताईद किए जाने के बजाए हिंदुस्तान के मुस्लिम रहनुमा टाल मटोल में लगे हैं।

रविवार को एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी भोपाल पहुंचे। इस दौरान अखबार नवीसों ने उनसे मुलाकात की और बातचीत के दौरान जानना चाहा कि, मलाला के मामले में उनकी क्या राय है? इमाम ने इस पर मलाला की हिम्मत की तारीफ की। इसके बाद, जब यह पूछा गया कि, क्या वह मलाला को नोबल प्राइज दिए जाने के लिए उठ रही मांगों का समर्थन करते हैं, तो इमाम ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इमाम ने कहा कि, नोबल प्राइज कई मर्तबा ऐसे लोगों को भी दिया गया है, जिनका कोई जमीनी काम नहीं होता। मलाला को नोबल दिए जाने की मांग की ताईद नहीं करते हुए इमाम दूसरी बातों को सामने रखने में जुट गए।

मीडिया से बातचीत करते एमए रहीम कुरैशी
मीडिया से बातचीत करते एमए रहीम कुरैशी
ऐसा ही कुछ रवैया आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एडीशनल सेके्रटरी जनरल एमए रहीम कुरैशी का रहा, जोकि रविवार को भोपाल में बोर्ड के बैनर तले मीडिया से मुखातिब थे। कुरैशी ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता आरिफ मसूद के साथ बातचीत के दौरान लोकसभा से पारित हो चुके वक्फ संशोधन बिल-2010 को राज्यसभा से पारित करवाने के बजाय वापस लेने के साथ ही पहले बोर्ड और संयुक्त संसदीय समिति के सुझावों को शामिल करने की मांग की। कुरैशी ने प्रस्तावित डॉयरेक्ट टैक्स कोड बिल का भी विरोध किया। इस मौके पर मीडिया ने जब कुरैशी से मलाला को नोबल प्राइज दिए जाने की मांग की ताईद करने के बारे में पूछा तो कुरैशी ने इसका कोई सीधा और साफ जवाब नहीं दिया। मीडिया के जोर देने पर कुरैशी दूसरे मुद्दों पर बात करने लगे।