ब्यूरो, वाराणसी.
वरुणा तट पर मंगलवार को प्याला मेले का खूब रंग जमा। रंग बिरंगे परिधानों में सजे-संवरे महिलाओं-पुरुषों के साथ ही बच्चे भी जश्न के मूड में थे। झूले चरखी का आनंद लिया। साथ ही विभिन्न खेलों में भी प्रतिभाग किया। इस दौरान धोबी घाट बचाओ समिति की ओर से सभा का भी आयोजन किया गया। इसमें रजक समाज की एकजुटता पर बल दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा से ही समाज का विकास संभव है। वरुणा नदी चौकाघाट किनारे होने वाले इस मेले में कसेरा, जायसवाल, गुप्ता, धोबी तथा अन्य बिरादरी के लोगों ने मां कालिका देवी की पूजा-अर्चना किया।
वरुणा में डुबकी के साथ दगे अहरे
लोटा-भंटा मेले में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा
रामेश्वर स्थित वरुणा तट पर लोटा-भंटा मेले में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा। लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई और मंदिरों में दर्शन पूजन किया। अहरे दगे और बाटी चोखा का दोस्तों-परिजनों के संग आनंद लिया। ज्यादातर ने विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए तट पर ही रात्रि प्रवास किया। मुंह अंधेरे से ही स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। सुबह होने के साथ भीड़ बढ़ती गई। स्नान-ध्यान के बाद शुरू हुई हांडी, गोहरी, पत्तल-पुरवा और अन्य सामानों की खरीददारी। खाली स्थान तजबीजा और अहरा दगा दिया। गह-गह कर बाटी गढ़ी और आलू-बैंगन सेकने में लग गए। प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करने के लिए दोस्तों- रिश्तेदारों को भी आमंत्रित किया गया था। भोजन-भजन से फारिग हो कर मेला का आनंद लिया। लकड़ी के बने घर गृहस्थी के सामान तो खेती किसानी के औजार भी खूब बिके। बिसातबाने की दुकानों पर महिलाओं की खूब भीड़ रही। वहीं बच्चे खिलौनों के लिए मचले। झूले-चरखी पर मस्ती की तो जलेबी-पकौड़ी और मिठाइयां भी छकीं। मेला में पूर्वाचल के साथ ही पश्चिमी बिहार से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे।