मौत के फंदे से आजाद हुआ लकड़बग्घा

Staff Author
तनाव के बीच दो घण्टे चला रेसक्यू आपरेशन

अरुण सिंह, पन्ना


मौत के फंदे से आजाद हुआ लकड़बग्घा
मौत के फंदे से आजाद हुआ लकड़बग्घा
जंगल में शिकारियों द्वारा लगाये गये फंदे में फंसे एक लकड़बग्घा (हाईना) को बचाने पन्ना टाईगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता और उत्तर वनमण्डल के देवेन्द्रनगर रेंज के परिक्षेत्राधिकारी नरेन्द्र सिंह के संयुक्त नेतृत्व में रेसक्यू आपरेशन चलाया गया। लगभग 2 घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद रेसक्यू टीम ने लकड़बग्घे को किसी भी प्रकार की कोई चोट पहुंचाए बगैर उसे मौत के फंदे से छुड़ा लिया। देवेन्द्रनगर रेंज की बिलखुरा बीट के अंतर्गत खुदरी हार के प्लाण्टेशन के समीप चलाये गये रेसक्यू आपरेशन के दौरान मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। लकड़बग्घे को बचाने के लिए रेसक्यू टीम एक ओर जहां हर वैज्ञानिक तरीका अपना रही थी, वहीं स्थानीय लोग भगवान से बेजुबान वन्यजीव की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे थे। दूसरी ओर, कई घण्टों से तार में फंसा लकड़बग्घा तनाव के चलते बेहद आक्रामक हो गया था। ऐसे में रेसक्यू टीम को उसे बचाने के लिए सुरक्षात्मक उपायों के साथ ही स्वयं को बचाने का भी दबाव था। 

हाइना को बचाने की तैयारी में रेसक्यू टीम
हाइना को बचाने की तैयारी में रेसक्यू टीम
 वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता ने हाईना को डॉट मारकर बेहोश किया गया। इसके बाद बेहद सावधानी से उसे शिकारियों के प्राणघातक फंदे से मुक्त कराया गया। भूख-प्यास और बेचैनी के चलते हाईना की हालत तेजी से बिगड़ रही थी। इसका ध्यान रखते हुए लकड़बग्घे को फंदे से निकालकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और होश आने तक नजर रखी गई। होश आने तक लकड़बग्घे को रेसक्यू वाहन के पिजड़ें में ही रखा गया। हालत सामान्य होने के कुछ घण्टे बाद ही हाइना को विचरण हेतु जंगल में छोड़ दिया गया।


वन अमले को हाईअलर्ट किया
देवेन्द्रनगर रेंजर नरेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि आज सुबह चौकीदार शिव सिंह यादव को गश्त के दौरान प्लाण्टेशन के समीप शिकारियों द्वारा लगाये गये फंदे में हाइना फंसा मिला था। इसकी सूचना चौकी प्रभारी केपी मिश्रा को दी गई, जिसके बाद मिश्रा ने दूरभाष पर जानकारी दी। इसके बाद रेंजर परिहार ने उत्तर वनमण्डल डीएफओ डॉ. एसके गुप्ता को इसकी जानकारी देकर रेसक्यू टीम भिजवाने का आग्रह किया गया था। बहरहाल, इस घटना से सबक लेते हुए इस क्षेत्र में शिकार की गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए मुखबिर तंत्र के साथ-साथ वनकर्मियों को हाईअलर्ट कर दिया गया है।